प्रधान संपादक की कलम से
प्रिय पाठकों,
विज्ञान केवल किताबों में लिखे सूत्रों और प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है — यह हमारे आसपास की हर छोटी-बड़ी चीज़ में मौजूद है। एक गिरता हुआ पत्ता, बहता हुआ पानी, या जलती हुई दीपक की लौ — सबमें विज्ञान छिपा है। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए हमने विज्ञान भास्कर पत्रिका की शुरुआत की है।
इस पत्रिका का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देना है। हम चाहते हैं कि हर बच्चा विज्ञान को केवल एक विषय के रूप में नहीं, बल्कि जीवन के हिस्से के रूप में समझे। यहाँ हम नई खोजों, छात्र परियोजनाओं, नवाचारों और तकनीकी उपलब्धियों की कहानियाँ प्रस्तुत करते हैं, ताकि हर विद्यार्थी प्रेरित हो और अपने भीतर के वैज्ञानिक को पहचान सके।
हमें विश्वास है कि यह मंच युवा मस्तिष्कों को नई दिशा देगा और उन्हें सोचने, बनाने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा। आपकी सहभागिता, सुझाव और रचनात्मक योगदान ही इस पत्रिका की असली ताकत हैं।
आइए, मिलकर विज्ञान की रोशनी को हर कोने तक पहुँचाएँ और भारत को नवाचार के मार्ग पर आगे बढ़ाएँ।

सप्रेम,
श्री कृष्ण कुमार
प्रधान संपादक
विज्ञान भास्कर पत्रिका